20, नवंबर, 2020 को वन इंडिया हिंदी इ-समाचार में प्रकाशित
राजस्थान में दोबारा मां बनने वाली महिलाओं की भी चांदी हो गई है। 19 नवंबर को देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती पर राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने प्रदेश में दोबारा मां बनने वाली महिलाओं को 6 हजार रुपए देने का ऐलान किया है।
गहलोत सरकार ने शुरू की इंदिरा गांधी मातृ पावन योजना
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को कहा कि दूसरी बार मां बनने वाली महिलाओं को 6,000 रुपये दिए जाएंगे। गहलोत ने कहा कि एक नई सरकारी योजना के तहत घोषित की गई राशि महिलाओं के बैंक खातों में सीधे राशि उपलब्ध कराएगी। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती पर, गहलोत ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इंदिरा गांधी मातृ पावन योजना की शुरुआत की। गहलोत सरकार की ये योजना न केवल कुपोषण से लड़ने में महिलाओं की मदद करेगी, बल्कि लोगों में एक माँ के स्वास्थ्य के महत्व और बच्चों के समुचित विकास के लिए उसके पोषण स्तर के बारे में जागरूकता बढ़ाएगी।
जानें क्यों शुरू की गई ये योजना और कहां होगी लागू
सीएम अशोक गहलोत ने कहा, “अगर गर्भवती महिला को पर्याप्त पोषण मिलता है, तो बच्चा भी स्वस्थ पैदा होगा।” इस योजना से न केवल कुपोषण से लड़ने में मदद मिलेगी, बल्कि लोगों में जागरूकता बढ़ेगी और बच्चों के समुचित विकास के लिए उनके पोषण स्तर के बारे में जागरूकता बढ़ेगी। वर्तमान में, यह योजना राज्य के चार सबसे पिछड़े टीएसपी (Tribal Sub Area Plan)जिलों में शुरू की गई है। राजस्थान के वो village जिसमें 50 प्रतिशत से अधिक संख्या में आदिवासी लोग रहते हैं उन्हैं TSP क्षेत्र घोषित किया गया हैं। उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापगढ़, माँ और बाल पोषण संकेतकों की रैंकिंग के आधार पर दिया जाएगा।
हर साल 77,000 से अधिक महिलाएं लाभान्वित होंगी
सीएम गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार सहारिया बहुल बारां जिले सहित पूरे राज्य में इस योजना को लागू करेगी। सीएम ने कहा वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखेंगे और उनसे इस योजना को पूरे देश में लागू करने का आग्रह करेंगे। उन्होंने कहा कि इस योजना से हर साल 77,000 से अधिक महिलाएं लाभान्वित होंगी। सीएम के बयान के अनुसार, इस योजना के लिए 43 करोड़ रुपये का वार्षिक व्यय होगा। महिला और बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने कहा कि इंदिरा गांधी मातृ पावन योजना का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं और बच्चों के तीन साल की उम्र तक पोषण स्तर में सुधार करना है।
क्या परिवार नियोजन को बढ़ावा देगी ये योजना ?
राजस्थान की गहलोत सरकार का इस योजना को लागू करने का उद्देश्य महिलाओं और नवजात का स्वास्थ्य तो है ही साथ ही परिवार को दो बच्चों तक सीमित करना भी सरकार की इस योजना का उद्देश्य है। राजस्थान की इस स्कीम के तहत आखिरी किस्त तभी दी जाएगी जब परिवार नियोजक का कोई तरीका अपनाया जा चुका हो। इस स्कीम से परिवार नियोजन को बढ़ावा भी मिलेगा।
पांच किस्तों में महिला को दी जाएगी ये धनराशि, सरकार की ये हैं शर्ते
राजस्थान सरकार इस योजना के तहत महिला को ये 6 हजार रूपए की राशि पांच किस्तों में सीधे लाभार्थी के खाते में जमा की जाएगी। गर्भावस्था जांच और पंजीकरण होने पर पहली 1 हजार की किस्त, दूसरी किश्त 1 हजार रुपए कम से कम दो प्रसव पूर्व जांचें पूरी होने के बाद और तीसरी किश्त 1 हजार रुपए संस्थागत प्रसव होने पर, चौथी किश्त जो कि 2 हजार रुपए की होगी वो नवजात के 105 दिन तक सभी नियमित टीके लगवाने और बच्चे का जन्म पंजीकरण करवाने पर दी जाएगी। आखिरी पांचवी किस्त महिला के संतान पैदा होने के तीन महीने के अंदर दंपत्ति के परिवार नियोजन के उपाय अपनाने पर ही दी जाएगी। इस योजना से मां और बच्चे से जुड़ी सरकार की कई योजनाओं जैसे टीकाकरण, संस्थागत सुरक्षित डिलीवरी समेत अन्य के लिए परिवार प्रेरित होंगे। इसके अलावा परिवार नियोजन को भी बढ़ावा मिलेगा।