जयपुर। प्रदेश की महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), अल्पसंख्यक मामलात वक्फ एवं जन अभियोग निराकरण ममता भूपेश ने कहा कि गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों के पोषण की जिम्मेदारी परिवार के साथ साथ पूरे परिवार की साझा जिम्मेदारी होती है। हर बच्चे में चैंपियन बनने की क्षमता है इसलिए मां एवं बच्चे को समुचित पोषण देना हम सभी की साझा जिम्मेदारी है।मंत्री ममता भूपेश महिला अधिकारिता निदेशालय स्थित सभागार में पोषण माह के औपचारिक उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित कर रही थी। उन्होंने बताया कि पूरे देश में सितम्बर माह पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है और राजस्थान में महिला बाल विकास विभाग द्वारा बालकों, किशोरी बालिकाओं एवं महिलाओं को शारीरिक एवं मानसिक रूप से सबल बनाने तथा कुपोषण को दूर करने के लिए एक अभिनव ‘जिम्मेदारी अभियान‘ शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि जिसके तहत कुपोषण के खिलाफ लड़ाई में प्रमुख हित धारकों समुदाय सामाजिक संस्थाओं व्यक्तियों और परिवार के सदस्यों द्वारा निभाई जाने वाली भूमिका के महत्व को दोहराया गया है।मंत्री ममता भूपेश ने लोक गायक मामे खान द्वारा गाया ‘म्हारी चैंपियन‘ गीत को राजस्थान के पोषण गान के रूप में जारी किया गया है। इस गीत का मुख्य मंत्र बच्चों को सही और पर्याप्त पोषण के लिए जागरूक करना है। मंत्री भूपेश ने इस अवसर पर मामे खान को सम्मानित किया। जिससे और भी कलाकारों को पोषण अभियान से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। साथ ही पोषक भोजन एवं व्यंजन को बढ़ावा देने के लिए महिला बाल विकास राज्यमंत्री ने यूनिसेफ की ओर से तैयार ‘पोषण, परिवार और दुलार पुरुष बने जिम्मेदार‘ एवं आईपीई ग्लोबल की ओर से तैयार की गयी ‘चैंपियन के लिए खाना बनाने की विधि व पौष्टिक आहार बनाने के तरीके‘ तीन पुस्तकों का लोकार्पण किया गया।इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जरूरतमंद महिलाओं और बच्चों की समय पर देखभाल और प्रावधानों तक उनकी पहुंच को सुनिश्चित करने के लिए सक्षम प्रणाली और सेवा तंत्र प्रदान करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है ।उन्होंने यह भी बताया कि जिम्मेदारी अभियान के माध्यम से कुपोषण के खिलाफ इस लड़ाई में हम अपने राज्य के प्रत्येक व्यक्ति को इसमें सम्मिलित करना चाहते हैं। जिससे गर्भवती महिलाओं के पति छोटे बच्चों के पिता अपनी जिम्मेदारी को समझें और प्रत्येक महिला अपने बच्चे की भलाई के लिए अपनी गर्भावस्था और स्तनपान की अवधि के दौरान बेहतर पोषण और देखभाल का लाभ ले सके। उन्होंने कहा कि किसी भी महिला के गर्भ धारण करने से लेकर शिशु की 2 वर्ष की आयु तक के पहले एक हजार दिनों में पर्याप्त पोषण की शिशु और मां के स्वास्थ विकास एवं वृद्धि में महत्व भूमिका होती है और शुरुआत से ही पोषण के स्तर पर ध्यान दिया जाए तो हम उन्हें स्वस्थ जीवन दे सकते हैं।इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग के शासन सचिव डॉक्टर के.के. पाठक ने शिशु की देखभाल में घर परिवार की भूमिका पर तीन लघु वीडियो जारी किया और उन्होंने अच्छे पोषण के महत्व और उन परिवर्तनों पर भी प्रकाश डाला जो बेहतर पोषण और आहार के लिए आवश्यक है, जिन्हें हम घरेलू एवं स्थानीय स्तर पर आसानी से उपयोग में ला सकते हैं ।कार्यक्रम के अंत में समेकित बाल विकास सेवाएं की निदेशक डॉ प्रतिभा सिंह ने प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र पर एवं लाभार्थियों को भी घर-घर में पोषण वाटिका विकसित करने निरोगी एवं स्वस्थ राजस्थान बनाने का का आह्वान किया है और अंत में सभी का आभार प्रकट कर धन्यवाद ज्ञापित किया। ये भी पढ़ें – अपने राज्य – शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे ये भी पढ़ें – अपने राज्य – शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करेCoronavirus in India: बीते 24 घंटों में सामने आए 94 हजार से ज्यादा मामले,दर्ज हुई 6148 मौतेंयूपी में काला फंगस और कोविड के इंजेक्शन चोरी करने के आरोप में डॉक्टर सहित पांच अन्य गिरफ्तारयूपी में गन्ने के खेत में नाबालिग लड़की से छेड़छाड़ के आरोप में पांच गिरफ्तार।
राजस्थान में मातृ व बाल पोषण सुनिश्चित करने हेतु ‘ज़िम्मेदारी अभियान’ का शुभारंभ
प्रदेश की महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), अल्पसंख्यक मामलात वक्फ एवं
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