गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों के पोषण की जिम्मेदारी पूरे समाज की: महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री

Nutrition Month campaign begins with the responsibility of the whole society for the nutrition of pregnant women and children - Minister of State for Women and Child Development

डिजिटल डेस्क, जयपुर।, 14 सितंबर। महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री श्रीमती ममता भूपेश ने कहा कि गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों के पोषण की जिम्मेदारी परिवार के साथ साथ पूरे समाज की साझा जिम्मेदारी होती है। हर बच्चे में चैंम्पियन बनने की क्षमता है इसलिए मां एवं बच्चे को समुचित पोषण देना हम सभी की साझा जिम्मेदारी है। श्रीमती भूपेश सोमवार को महिला अधिकारिता निदेशालय स्थित सभागार में पोषण माह के औपचारिक उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित कर रही थी। उन्होंने बताया कि पूरे देश में सितम्बर माह पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है और राजस्थान में महिला बाल विकास विभाग द्वारा बालकों, किशोरी बालिकाओं एवं महिलाओं को शारीरिक एवं मानसिक रूप से सबल बनाने तथा कुपोषण को दूर करने के लिए एक अभिनव ‘जिम्मेदारी अभियान‘ शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि अभियान में कुपोषण के खिलाफ लड़ाई में प्रमुख हित धारकों समुदाय सामाजिक संस्थाओं व्यक्तियों और परिवार के सदस्यों द्वारा निभाई जाने वाली भूमिका के महत्व को दोहराया गया है। उन्होंने लोक गायक श्री मामे खान द्वारा गाया ‘म्हारी चैंम्पियन‘ गीत को राजस्थान के पोषण गान के रूप में जारी किया। इस गीत का मुख्य मंत्र बच्चों को सही और पर्याप्त पोषण के लिए जागरूक करना है। महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ने इस अवसर पर श्री मामे खान को सम्मानित करते हुए कहा कि कलाकारों को पोषण अभियान से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। साथ ही पोषक भोजन एवं व्यंजन को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने यूनिसेफ की ओर से तैयार ‘पोषण, परिवार और दुलार पुरुष बने जिम्मेदार ‘एवं आई पी ई ग्लोबल की ओर से तैयार की गयी ‘चौंपियन के लिए खाना बनाने की विधि‘ व ‘पौष्टिक आहार बनाने के तरीके‘ सम्बंधित तीन पुस्तकों का लोकार्पण भी किया गया। उन्होंने कहा कि जरूरतमंद महिलाओं और बच्चों की समय पर देखभाल और प्रावधानों तक उनकी पहुंच को सुनिश्चित करने के लिए सक्षम प्रणाली और सेवा तंत्र प्रदान करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है । उन्होंने यह भी बताया कि जिम्मेदारी अभियान के माध्यम से कुपोषण के खिलाफ इस लड़ाई में हम अपने राज्य के प्रत्येक व्यक्ति को इसमें सम्मिलित करना चाहते हैं। जिससे गर्भवती महिलाओं के पति, छोटे बच्चों के पिता अपनी जिम्मेदारी को समझें और प्रत्येक महिला अपने बच्चे की भलाई के लिए अपनी गर्भावस्था और स्तनपान की अवधि के दौरान बेहतर पोषण और देखभाल का लाभ ले सके। श्रीमती भूपेश ने कहा कि किसी भी महिला के गर्भ धारण करने से लेकर शिशु की 2 वर्ष की आयु तक के पहले एक हजार दिनों में पर्याप्त पोषण की शिशु और मां के स्वास्थ विकास एवं वृद्धि में महत्व भूमिका होती है और शुरुआत से ही पोषण के स्तर पर ध्यान दिया जाए तो हम उन्हें स्वस्थ जीवन दे सकते हैं। महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ने समाज के प्रत्येक सदस्य से सामूहिक जिम्मेदारी निभाने की अपील करते हुए कहा कि बच्चों, किशोरी बालिकाओं और गर्भवती महिलाओं के पोषण और स्वास्थ्य की विशेष देखभाल की जिम्मेदारी को पति समझें और पूरी गर्भावस्था के दौरान पत्नी की देखभाल करें। साथ ही शिशु की देखभाल में नई मां के खानपान एवं स्वास्थ्य का ध्यान रख कर कुपोषित होने से बचाएं। हमारे आंगनबाड़ी केंद्रों पर हमारी आंगनबाड़ी बहनें भी अपनी जिम्मेदारी को निभाते हुए टेक होम राशन ,स्वास्थ्य जांच एवं समयबद्ध टीकाकरण उपलब्ध करा रही हैं और पौष्टिक भोजन उपलब्ध हो सके इसके लिए नवाचार के रूप में हमारे आंगनबाड़ी केंद्रों पर विटामिन से भरपूर फल एवं सब्जियों की पोषण वाटिकाएं स्थापित की गई हैं। साथ ही बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना अंतर्गत जयपुर के मानसरोवर स्थित टेक्नोलॉजी पार्क में बालिकाओं के जन्म पर उनके अच्छे स्वास्थ्य एवं भरपूर पोषण के लिए समर्पित ‘कन्या वाटिका’ में फलदार पौधों का आरोपण कर विकास किया गया है। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग के शासन सचिव डॉक्टर के.के. पाठक ने शिशु की देखभाल में घर परिवार की भूमिका पर तीन लघु वीडियो जारी करते हुए अच्छे पोषण के महत्व और उन परिवर्तनों पर भी प्रकाश डाला जो बेहतर पोषण और आहार के लिए आवश्यक है तथा जिन्हें हम घरेलू एवं स्थानीय स्तर पर आसानी से उपयोग में ला सकते हैं।

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